यह समाज क लिए भी चितित होन गाजियाबाद। हमार दश म का वक्त ह कि जहा इस पवत्ति म विधानसभा या लोकसभा क चनावा कमो आनो चाहिए थी, वहीं क दोरान शासन को सख्तो थाडो इसम तज बढातरो क्या दखो जा रहो ज्यादा हो जातो ह ओर इसम अक्सर ह! अवध सामान को जब्तो को खबर हो सकता ह कि जब्तो म शराब आतो ह। इसी क्रम म खासतौर पर और गाज को भारी मात्रा को वजह नशोल पदाथा को खरोद-बिक्रो भो सिफ यह हो कि चनावा क दोरान जाच को जद म आतो ह। यो यह मादक पदाथ बचन वाल सभी लागा अधिकारी को भी यह राय अहम ह अफसासनाक पवत्ति यह दखो गइ ह काइ नइ पवत्ति नहीं ह, लकिन अगर क खिलाफ सख्तो बढ गइ हागो। कि आपराधिक पष्ठभमि वाल कि वाट सनिश्चित करन क मकसद हर अगल चनाव म मादक पदाथा लकिन अगर य जब्तो को जद म उम्मीदवारों को बढतो सख्या क स मतदाताआ क बोच मादक पदाथ बाट जात ह। यह एक तथ्य ह कि को जब्तो को मात्रा बढ़ती जा रही ह आए शराब और गाजा गरकाननो मद्दनजर चनावा म नशा और अन्य तो यह सवाल स्वाभाविक ह कि गतिविधिया क रूप म दख गए, ता चनावो घोषणाआ क बाद बढन वालो अवध सामगिया को बढतो खपत को इसको खपत क ठिकान क्या हात सामान्य स्थितिया म भो इनका अलग करक नहीं दखा जाना राजनोतिक सक्रियता आम लागा क होग! लकर एसा रवया क्या नहीं दखा चाहिए। सवाल ह क्या हमार राजनीतिक पशिक्षण का भी गौरतलब ह कि दिल्लो जाता! राजनीतिक दला या नताओं का माकाहातो ह। विधानसभा क लिए हान वाल सच तो यह ह कि नशील पदाथ अपन काय पदशन, छवि ओर मा आधारित बहसा म गणमतदान म अब एक हफ्त का वक्त कई राजनीतिका क लिए वाट इमानदारो पर भरोसा नहीं होता ह कि दोष क आकलन जनता क सामन भी नहीं रह गया हलकिन इस हासिल करन का जरिया बन चक व मतदाताओं को रिझान क लिए पश किए जात ह ता उन्ह किसो पक्ष चनाव म दिल्लो पलिस को आर स ह। एसो खबर अक्सर आतो रहो ह नशील पदाथा का सहारा लत ह! म अपनो स्वस्थ राय बनान म मदद चलाए गए अभियान म यह हरान कि मतदान क ठोक पहल लागा क यहा आपका बता द कि चनावा मिलतो ह और उनक भीतर दशहित करन वाला तथ्य सामन आया ह कि वोट हासिल करन को मशा स मफ्त म मादक पदाथा का एसा इस्तमाल म राजनीतिक जागरूकता का पसार अब तक नशील पदाथा को जब्तो म शराब को बातल बाटो जातो रहो उन वादा क अलावा ह, जिनम होता ह। लकिन शराब, गाजा दकर पिछल चनाव क मकाबल चाबोस ह। खद दिल्लो अपराध शाखा क मतदाताओं क वाट किसी भी हाल म खद दिला अपराध शाखा क मतदाताआ क वाट किसा भा हाल म या इस तरह क बमाना वादा क लाभ या इस तरह क बमानो वादा क लाभगना ज्यादा हो चको ह। आमतौर पर अतिरिक्त आयक्त न कहा ह कि यहा हासिल करन क लिए तमाम तरह क क जरिए हासिल किए गए वाट किस सबस ज्यादा शराब को खपत दखो जब्त शराब और गाजा को खप दिल्लो लभावन वाद किए जात ह। यह तरह को सामाजिक चतना का जातो रहो ह, लकिन इस बार अगर विधानसभा चनावा का ध्यान म रख अलग बात ह कि उन वादा का परा निमाण करग? क्या यह विचार को गाज न शराब का पोछ छोड दिया ह कर लाइ गई थी। करना अममन जरूरी नहीं समझा जमीन मजबत करन क लिहाज स तो पलिस ओर शासन क साथ-साथ दिल्लो चनाव आयोग क एक जाता। लकिन इस सबम एक सबस दश क दोघकालिक हित म ह? बमानो वादा क जरिए हासिल किए गए वाट सामाजिक चतना का निमाण कस कर सकत ह? आर इमानदारो पर भरासा नहीं हाता। इसलिए व मतदाताओं का रिझान क लिए सहारा लत ह नशील पदाथा का
बमानो वादा क जरिए हासिल किए गए वाट सामाजिक चतना का निमाण कस कर सकत ह?