दिल्लो क चनाव नतोज कई सांग खड करंग गिद्धा क झड क बावजद गदगो स परहज करत हए कंद को दोवारा पर चस्पा कर दिए पास्टर

भावोसत्ता विशष सवाददाता ह। सोध राजनीतिक तौर पर इस यद्ध मान या जनता क को पराकाष्टा ह जिस कजरीवाल इसलिए लिख पाए एक हो फम म लटका नहीं पाया। इसलिए इस जीत का गाजियाबाद। अतर यह एक जोत भर का नहीं हो द्वद्व क बोच हल्को सो आशा को किरण मान, दिल्लो न कि उन्हान गिद्धा क झड क बावजद गदगो स परहज वणन ताजगो भरा ह। सकता, बल्कि दिल्लो चनाव परिणामा क अथ म यह दश सवपथम जनता का साबित किया ह। यह जनता न तो किया। यह विध्वस स निकलो सियासत स अलग उसखद का टटोलगा। बशक भाजपा इसका गहन चितन शाहोनबाग क जमावड स विचलित हइ ओर न हो बनत- जनता स सोध सवाद म भाजपा पिछडो, ता बानगो म दखा जाएगा जहा उत्तर पदश क मख्यमत्री तक करगो, लकिन अपनो भमिका को कगालो म कागस का बिगडत माहोल का अगोकार करक किसी दव क कजरीवाल का हनर परखना होगा। कछ ता रहा होगा जो का भो गिरबा म झाकना पडगा। उस तमाम कदमताल आटा इतना गोला ता ह कि इस अपन शब्द आर दश्य अवतार म धम को लगाटो पहनकर मतदान को पक्ति म चचा स्कल-शिक्षा-स्वास्थ्य, विद्यत और जलापति क और महनत का यह हाल क्या हआ, जो भाजपा न दिल्ली बदल लन चाहिए। खर शब्द और दश्य तो इस बार खडो रहोइद-गिद कजरीवाल को पशसक बन गइ या हिद- को अपनो दिल्लो बनान म को। क्या जनता को राज्या म भाजपा क बाड का भी धोखा द गए। शब्द क बाझ म कजरोवाल पसद ह। क्या हर पाटो का कजरोवाल ढढना कइ नताआ को नगइ का जनता न नापसद नहीं किया. पडगा या सत्ता का कजरीवाल को तज पर चलना पडगा। बल्कि यह भी बता दिया कि भारतीय लोकतत्र को मयादा जनता न कजरीवाल सरकार को इतन अक इसलिए दिए का आम जनता कम स कम ससद क बाहर फिर स कि उसन अपनो मशा का विकास को चारित्रिक ऊजा पतिष्ठित करना चाहतो ह और यह जान चको ह कि अब दो। बहरहाल त-त, म-म को खिचडो दिल्लो म नहीं| नही सधर तो बडो दर हो जाएगी। पको, तो एस एहसास को पनरावत्ति म हिमाचल जस दिल्लो न ता लोकतत्र स दर खडो हा रहो ह और न राज्य भी अपनो बिगडतो सियासत का दरुस्त कर सकत हो लाकतत्र का अपन स दर कर रही ह। इस लिहाज स ह। दिल्लो क समकक्ष खडा हिमाचलो मतदाता भी काफी सार परस्कार और सकत कजरोवाल का महानायक बना जागरूक ह। रह ह। यह इसलिए भी कि जिस दिल्ली राज्य को शक्तिया एस म जयराम सरकार यह कोशिश कर सकतो ह पर कद का दबदबा ह और जिसको सोमाआ पर भाजपा यह मतदाता क विवक को स्वतत्रता, निष्पक्षता और मस्लिम को आकात म 'आप' क निशान भग न कर कि कजरोवाल को तरह अगला चनाव भी सशासन व क नगर निगमा का कब्जा ह, उसक भीतर कजरीवाल क स्पष्टता का मालिक परिणाम है, जिस कबल करन क सको। जिन गलिया म आठ-दस मख्यमत्री घम, जहा विकास को बनियाद पर जोता जाए। हिमाचल क सामन सियासी विषय अचानक राष्ट स्तरीय का जात ह। जिस साथ-साथ राजनीतिक पाठयक्रम स जाड लना चाहिए। दो-अढाइ सां सासद फरो लगात रह. कद सरकार क भाजपा और कागस को हार क सबक ता ह हो, लकिन सरकार क पति जनसवदना सलाब बन जातो ह या अगर शार और सियासो अपमान क दार स भिन्न मत्रो होसला बलद करत रह या अमित शाह स नरद मादो सत्ता को साथकता म कजरोवाल सरोख पयास शरू कजरोवाल खद एक मांडल को तरह मख्यमत्री क मतदाता न कइ चित्र मिटाए, तो इस परीक्षा का मतलब तक जहा चनावो जग लडो गइ हो, वहा मतदान का करन होग। शिक्षा और चिकित्सा म गणवत्ता, परिवहन दायित्व को कसोटो पर पिय चहरा बन जात ह, उस सार दश को समझना ह। लगातार तीसरी बार और 'अमिट' होना इस हार-जीत क अतर का शाश्वत बनाता सवाओं म उत्कष्ट पदशन, जवाबदह पशासन तथा सवा कवल चनाव को परिधि या पचार को गहनता म नहीं पढा चक्रव्यह स बाहर निकलता इतना भी आसान नहीं था कि ह। बहस और तक भल हो मोडिया का खिलाना बनात क्षत्र का चस्त-दरुस्त करन क नए उदाहरण पश करन जा सकता। जाहिर ह कि दिल्ली क चनाव परिणाम कइ कजरोवाल कद को दोवारा पर आसानो स अपन रह या इस दौरान खद का 'माज' रहा मोडिया कितन होग, ताकि कजरीवाल को परछाइ म राजनोतिक सोग खड करग और इसका घातक रुख सबक लिए हए पास्टर चस्पा कर पाए। यह असहज चनाव को सहजता महावर गढता रहा, लकिन जनता को तस्वीर को कवल पतिस्पधा सकारात्मक हो जाए। दिल्लो क चनाव नतोज कई सांग खड करंग गिद्धा क झड क बावजद गदगो स परहज करत हए कंद को दोवारा पर चस्पा कर दिए पास्टर जिन गलियां में आठ-दस मख्यमत्रो घम, जहा अढाइ सा सासद फरो लगात रह, कद सरकार क मत्रा हासला बलद करत रह। अमित शाह स नरन्द मादी तक न चनावा जग लडा हा वहा मतदान का अमिट' हाना इस हार जोत क अतर काशाश्वत बनाता ह। दिल्लो क चनाव नतोज कई सांग खड करंग गिद्धा क झड क बावजद गदगो स परहज करत हए कंद को दोवारा पर चस्पा कर दिए पास्टर


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